Gustakhi Maaf: बड़ा दिन से शुरू होंगे छत्तीसगढ़ में बड़े काम

Gustakhi Maaf: बड़ा दिन से शुरू होंगे छत्तीसगढ़ में बड़े काम

-दीपक रंजन दास
25 दिसम्बर को बड़ा दिन भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन से दिन बड़े होने लगते हैं जो गर्मियों तक लगातार बढ़ते जाते हैं। खगोलशास्त्र के मुताबिक 22 दिसम्बर की रात सबसे छोटी रात होती है और इसके दो दिन बाद दिन बड़े होने लगते हैं। पर 25 दिसम्बर की तिथि को ही बड़ा दिन क्यों कहा गया, इसके पीछे संभवत: ब्रिटिशकालीन परम्पराएं हैं। 25 दिसम्बर को ईसा मसीह का जन्मदिन मनाया जाता है। ब्रिटिश उपनिवेश के सभी देशों में इस दिन सार्वजनिक अवकाश रखा जाता था और बड़ा दिन मनाया जाता था। बहरहाल, वजह चाहे जो भी हो, बड़ा दिन इस बार छत्तीसगढ़ के लिए वाकई बड़ा दिन होने वाला है। 25 दिसम्बर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्मदिन भी है। वे एक निर्विवाद नेता थे जिनसे पक्ष-विपक्ष के लोग समान रूप से प्यार करते थे और सम्मान करते थे। अटलजी के जन्मदिन को साल 2014 से सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। सुशासन एक व्यापक अवधारणा है जिसमें कानून का राज स्थापित करने, सत्ता में जनता की भागीदारी बढ़ाने, उसे समावेशी बनाने, और सरकार का उत्तरदायित्य, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के प्रयास शामिल होते हैं। छत्तीसगढ़ की नई विष्णुदेव साय सरकार ने इस दिन को जनता के लिए वाकई बड़ा दिन बनाने के लिए कमर कस ली है। सरकार इसी दिन से गरीबों के लिए आवास योजना पर काम शुरू करने जा रही है। चुनाव के दौरान यह एक बड़ा मुद्दा रहा है। अब जबकि राज्य में डबल इंजन की सरकार है तो इस योजना के परवान चढऩे में कोई अड़चन नहीं आनी चाहिए। छत्तीसगढ़ में 18 लाख से अधिक ऐसे गरीब परिवारों को पहले ही चिन्हित किया जा चुका है जिनके पास अपना घर नहीं है। इन सभी को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब आवास मिलने लगेंगे। इसके साथ ही किसानों के लिए यह दिन वाकई बड़ा होने जा रहा है। उन्हें धान के बोनस की पुरानी बकाया राशि भी इसी दिन मिल जाएगी। दो साल का बकाया बोनस हाथ में आने का न केवल किसानों को बल्कि बाजार को भी बेसब्री से इंतजार है। पर इन दोनों फौरी घोषणाओं से भी कहीं बड़ी है सुशासन की प्रतिबद्धता जिसकी घोषणा सीएम साय ने की है। मंत्रालय में अफसरों को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि नेता और अफसर शासन की गाड़ी के दो पहिये हैं। दोनों को मिलकर काम करना होगा। साय ने एक लंबी राजनीतिक पारी खेली है। छत्तीसगढ़ के बनने से लेकर अब तक की विकास यात्रा के वे करीबी साक्षी हैं। उन्हें खूब पता है कि सरकार की योजनाओं को सफल बनाने या फिर उन्हें पलीता लगाने में अफसरशाही की बड़ी भूमिका होती है। अपनी इस एक घोषणा से सीएम ने उन्हें भयमुक्त कर अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित कर दिया है जिसके अच्छे नतीजे आएंगे।


Related Articles