भिलाई (श्रीकंचनपथ न्यूज़ )। महादेव एप मामले में जिला पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दीपक नेपाली नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पुलिस को उम्मीद है कि उससे पूछताछ में कई अहम् खुलासे हो सकते हैं। जिला पुलिस अब सिलसिलेवार तरीके से इस सट्टेबाजी एप की तहें खोलने में जुट गई है। दीपक नेपाली को सौरभ चंद्राकर व रवि उप्पल का करीबी बताया जा रहा है। महादेव एप को विस्तार देने में नेपाली की की भूमिका बताई जाती है। पुलिस ने उस पर रासुका के तहत भी अपराध पंजीबद्ध किया है।
छत्तीसगढ़ चुनाव के दौरान महादेव ऐप का मामला सुर्खियों में रहा। ऐसा कहा जाता है कि भूपेश बघेल सरकार की वापसी न होने में इसकी भूमिका बड़ी थी। बीजेपी के नेता बार बार कहा करते थे कि कांग्रेस का तो यही चरित्र रहा है। बिन कमीशन कांग्रेस एक कदम आगे कहां बढ़ती है। इन सबके बीच दुर्ग पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। ऑनलाइन सट्टा ऐप मामले में चर्चित आरोपी दीपक नेपाली को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसके खिलाफ रासुका भी लगाया गया है। पुलिस के मुताबिक, दीपक नेपाली का आपराधिक इतिहास भी है। उसके खिलाफ पहले से लूट, हत्या के प्रयास के मामले चल रहे हैं। दुर्ग के एसपी राम गोपाल गर्ग के मुताबिक, क्राइम ब्रांच और वैशाली नगर पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी की है। उन्होंने कहा कि दीपक नेपाली की गिरफ्तारी इस केस में अहम है, इससे पूछताछ के बाद कुछ और बड़े खुलासों की उम्मीद है। पुलिस का कहना है कि सट्टेबाजी के खेल से जुड़ी हर एक परत को खोलने की कोशिश जारी है।
दीपक नेपाली के बारे में कहा जाता है कि वो महादेव ऐप के प्रमोटरों सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल का खास रहा है। दोनों प्रमोटर जिस योजना को बनाते थे उसे वो जमीन पर उतारने का काम किया करता था। देशभर में सट्टेबाजी के धंधे को आगे बढ़ाने में इसकी भूमिका अहम थी। बता दें कि छत्तीसगढ़ पुलिस को इसकी और इसके चार साथियों की तलाश विधानसभा चुनाव के समय से ही थी। हालांकि यह चकमा देकर फरार होने में सफल रहा। अलबत्ता, इसके भाई नीरज नेपाली को पुलिस ने पहले गिरफ्तार कर लिया था।
ईडी के बयान के बाद गरमाई थी सियासत
3 नवंबर 2023 को प्रवर्तन निदेशालय ने एक बयान जारी किया था। बयान में बताया गया था कि महादेव ऐप के प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ के तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल को 508 करोड़ का भुगतान किया था। ईडी के इस बयान के बाद छत्तीसगढ़ की सियासत गरमा गई। बता दें कि सट्टेबाजी के इस ऐप पर केंद्र सरकार ने पहले ही बैन लगा दिया है। इस ऐप की शुरुआत 2019 में सौरभ चंद्राकर नाम के शख्स ने की थी। वो पहले भिलाई में जूस की दुकान चलाता था। जूस के कारोबार के दौरान उसकी जान पहचान रवि उप्पल नाम के शख्स से हुई। दोस्ती गहराई और दोनों ने मिलकर काम करना शुरू कर दिया। सौरभ और रवि उप्पल दोनों ने मिलकर वेबसाइट बनाई जिसके जरिए वो सट्टेबाजी का काम करने लगे। 2019 में सौरभ चंद्राकर दुबई गया और वहीं अपने पार्टनर को भी बुला लिया। अपने बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए दोनों ने सोशल मीडिया और एंफ्लुएंसर की मदद ली। प्रमोशन का असर भी दिखा। करीब 12 लाख लोग उस ऐप से जुड़ गए। ईडी का कहना है कि ज्यादातर लोग छत्तीसगढ़ के ही रहने वाले थे।